न भीड़ इकट्ठा हुई, न मय्यत उठी, कागजों में ठहरा दिया गया कोरोना से निकल लिए भूरीPunjabkesari TV
1 year ago न भीड़ इकट्ठा हुई...... न मय्यत उठी....... तिरही की पूड़ी खाने को भी लोग तरह गए...भूरी सिंह के परिवार को लोगों ने अब तक कोसना भी नहीं छोड़ा...सब यहीं कह रहे है कि....कम से कम भूरी सिंह का पिंडदान तो कर आते...नहीं तो उनकी आत्मा को मोक्ष नहीं मिलेगा.......हालांकि पूरा परिवार थक गया है....माथा पीट रहा है.....कह रहा है.....कौन कहता है कि....भूरी सिंह मर गया...हाल ये रहा कि न नगर निगम से बना डेथ सर्टिफिकेट लगा....न जांच हुई ... मान लिया गया कि कोरोना की लहर में भूरी सिंह भी बह गए....