Bihar

बांका में यादव वोटर ही तय करेंगे सांसद का चेहरा, जय प्रकाश यादव और गिरधारी यादव में हो सकता है मुकाबलाPunjabkesari TV

1 month ago

बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक बांका लोकसभा सीट है...आजादी के बाद देश के लिए 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में यह सीट अस्तित्‍व में नहीं था...साल 1957 में इसे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में गठित किया गया...पहली बार इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस की शकुंतला देवी ने जीत का परचम लहराया...इसके बाद 1962 में भी शकुंतला देवी ही इस सीट से संसद चुनी गईं...1967 में इस सीट पर भारतीय जनसंघ ने कब्जा जमाया और बी एस शर्मा सांसद चुने गए....सन 1971 में कांग्रेस ने फिर से वापसी की और शिव चंडिका प्रसाद सांसद चुने गए...लेकिन 1977 में इस सीट पर समाजवादी नेता मधु लिमये ने कब्जा किया...साल 1980 में फिर से कांग्रेस ने बाजी मारी और चंद्रशेखर सिंह संसद पहुंचे...1984 में भी सीट कांग्रेस के पास ही रही...लेकिन इस बार मनोरमा सिंह सांसद बनीं...1989 और 1991 में इस सीट पर जनता दल के उम्मीदवार प्रताप सिंह को जीत मिली...वहीं 1996 में जनता दल के टिकट पर ही गिरधारी यादव सांसद चुने गए...जबकि 1998 में SAP और 1999 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर दिग्विजय सिंह चुनाव जीते...2004 में यह सीट RJD के खाते में गई और गिरधारी यादव एक बार फिर से सांसद चुने गए...वहीं 2009 में दिग्विजय सिंह एक बार फिर से निर्दलीय चुनाव जीते...लेकिन 24 जून 2010 को उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी पुतुल कुमारी को जनता की सहानुभूति मिली और सांसद चुनी गईं...हालांकि मोदी लहर के बावजूद 2014 में यह सीट RJD के खाते में चली गई और जय प्रकाश नारायण यादव यहां से सांसद चुने गए.....लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट गिरधारी यादव ने जीत हासिल की थी....गौरतलब है कि बांका लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनमें बांका जिले के अमरपुर, धोरैया(SC), बांका, कटोरिया (ST), बेलहर और भागलपुर जिले के सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...