Bihar

Buxar लोकसभा सीट पर आनंद मिश्रा देंगे बीजेपी को झटका, आरजेडी कैंडिडेट सुधाकर सिंह भी कर सकते हैं कमालPunjabkesari TV

3 weeks ago

बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक बक्सर लोकसभा सीट है...बक्सर को पूर्वांचल के रास्ते बिहार का द्वार कहा जाता है...प्राचीन काल में इसका नाम 'व्याघ्रसर' था...यहीं पर चौसा में शेरशाह ने मुगल शासक हुमायूं को पराजित किया था...1764 में सुप्रसिद्ध बक्सर की लड़ाई भी यहीं लड़ी गई थी...कहा जाता है कि यहां गुरु विश्वामित्र के आश्रम में राम और लक्ष्मण की शुरुआती पढ़ाई हुई थी...राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यहां के लोग काफी सजग रहे हैं...इसका आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि आजादी के बाद 1952 के चुनाव में यहां की जनता ने निर्दलीय कमल सिंह को अपना सांसद चुना था...यहां तक कि दूसरी बार भी जनता ने निर्दलीय कमल सिंह को ही सांसद चुनकर दिल्ली भेजा...तो 1962 में कांग्रेस के अनंत प्रसाद शर्मा सांसद चुने गए...1967 में कांग्रेस के टिकट पर ही राम सुभाग सिंह सांसद बने...वहीं 1971 में अनंत प्रसाद शर्मा एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए...लेकिन आपातकाल के बाद हुए 1977 के चुनाव में कांग्रेस इस सीट को बचा नहीं सकी...और भारतीय लोकदल के टिकट पर रामानंद तिवारी सांसद बने...हालांकि 1980 और 1984 में कांग्रेस के टिकट पर कमल कांत तिवारी सांसद चुने गए...1989 और 1991 में कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर तेज नारायण सिंह यहां से सांसद बने...इसके बाद 1996, 1998, 1999 और 2004 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लालमुनि चौबे सांसद चुने गए...लेकिन 2009 में भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ रुका और राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर जगदानंद सिंह सांसद चुने गए...हालांकि 2014 में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से वापसी की और अश्विनी कुमार चौबे यहां से सांसद चुने गए...वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अश्विनी चौबे ने जीत हासिल की थी...गौरतलब है कि बक्सर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं...जिनमें बक्सर जिले की ब्रह्मपुर, राजपुर, बक्सर और डुमरांव विधनसभा...कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा...और रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...