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Samastipur में चिराग के कैंडिडेट और INDIA गठबंधन में होगा कड़ा मुकाबलाPunjabkesari TV

4 weeks ago

बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक समस्तीपुर लोकसभा सीट है...इस सीट पर पहली बार साल 1952 में चुनाव हुआ और सत्य नारायण सिन्हा सांसद चुने गए...हालांकि उस समय इस सीट का नाम समस्तीपुर पूर्व के नाम से जाना जाता था...इसके बाद इस सीट का नाम समस्तीपुर हो गया...और लगातार दो बार यानी कि 1957 और 1962 के चुनाव में सत्य नारायण सिन्हा ही सांसद चुने गए...1967 और 1971 के चुनाव में भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा और यमुना प्रसाद मंडल सांसद चुने गए...1977 में यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई और कर्पूरी ठाकुर चुनाव जीते...इसके बाद 1978 के उपचुनाव और 1980 के आम चुनाव में भी यह सीट कर्पूरी ठाकुर के पास ही रही...1984 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और रामदेव मंडल चुनाव जीतने में कामयाब हुए...हालांकि इसके बाद यह सीट कभी भी कांग्रेस के खाते में नहीं गई...1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर मंजय लाल कुशवाहा सांसद चुने गए...1996 में भी यह सीट जनता दल के पास ही रही और अजीत कुमार मेहता सांसद बने...1998 में भी यह सीट मेहता के पास ही रही लेकिन इस बार राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर वे चुनाव जीते...1999 में इस सीट पर जेडीयू ने कब्जा किया और मंजय लाल चुनाव जीतने में कामयाब हुए...2004 में यह सीट एक बार फिर से RJD के खाते में गई और आलोक कुमार मेहता सांसद बनने में कामयाब रहे...2009 में इस सीट पर जेडीयू के महेश्वर हज़ारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे.....वहीं मोदी लहर में यह सीट एलजेपी के खाते में गई और राम चंद्र पासवान सांसद चुने गए...दुर्भाग्य से रामचंद्र पासवान अब हमारे बीच नहीं हैं.... 2020 में हुए उपचुनाव में रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज ने जीत हासिल की थी......लेकिन लोजपा में हुए उलटफेर की वजह से इस बार प्रिंस राज के जीतने की संभावना काफी कम हो गई है...क्योंकि एनडीए की तरफ से इस बार भी चिराग पासवान के खाते में ही समस्तीपुर सीट दी गई है....गौरतलब है कि समस्तीपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनमें समस्तीपुर जिले की वारिसनगर, समस्तीपुर, कल्याणपुर, रोसड़ा और दरभंगा जिले की कुशेश्वर स्थान और हायाघाट विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...