Bihar

पश्चिम चंपारण में क्या जीत का चौका लगा पाएंगे संजय जायसवाल, गांधी जी की कर्मभूमि में होगी कांग्रेस की अग्नि परीक्षाPunjabkesari TV

1 month ago

बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट है... हिमालय के तराई इलाके में बसा यह जिला जल और वन संपदा से परिपूर्ण है...बेतिया जिले का मुख्यालय भी इसी शहर में हैं...यहां का वाल्मीकि नगर देवी सीता की शरणस्थली होने से काफी पवित्र है...राजा जनक के समय यह तिरहुत प्रदेश का अंग था...जो बाद में छठी सदी ईसा पूर्व में यह वैशाली साम्राज्य का हिस्सा बन गया...उत्तर प्रदेश और नेपाल की सीमा से लगा यह क्षेत्र भारत के स्वाधीनता संग्राम के दौरान काफी सक्रिय रहा है...महात्मा गांधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की शुरुआत की थी....पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट के इतिहास को देखें तो...साल 2002 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में यह लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया...और 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर संजय जायसवाल सांसद चुने गए...वहीं 2014 में भी यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास ही रही...और डॉ. संजय जायसवाल सांसद बने... तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से संजय जायसवाल को ही जीत मिली थी....2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर संजय जायसवाल पर ही भरोसा किया है...पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं...जिनमें से पश्चिमी चंपारण जिले की नौतन, चनपटिया और बेतिया विधानसभा...और पूर्वी चंपारण जिले की रक्सौल, सुगौली और नरकटिया विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं...