Himachal Pradesh

टूटी टांग के सहारे जूठे बर्तनों में रोटी तलाश रहा बुढ़ापा ... बेखबर हैं जनता के "चौकीदार"Punjabkesari TV

4 years ago

भला कोई कितना गरीब हो सकता है... इतना... कि उसके पास रहने के लिए घर ना हो... या इतना... कि वो दो वक्त की रोटी का मोहताज हो... या फिर इतना... कि 68 साल की उम्र में टूटी टांग के साथ वो दूसरों के घर में काम रहा हो... मात्र इसलिए कि शाम को उसे उसके घर का चुल्हा जलाना है... जो भी हो लेकिन भला कोई इतना गरीब कैसे हो सकता है... आखिर वो सरकारें कहां है... जो विकास की बात करती हैं... भला वो दावे कहां हैं... जहां गरीबों के लिए योजनाओं की बातें होती हैं...