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जब गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा था Sansad Bhavan, सबसे सुरक्षित जगह कैसे पहुंचे थे आतंकी?Punjabkesari TV

1 year ago

वो साल था 2001 और तारीख़ थी 13 दिसंबर.. सुबह के 11 बज रहे थे... दिल्ली के आसमान पर गुनगुनी धूप छाई हुई थी... लोकतंत्र के मंदिर यानी कि देश की संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था... विपक्ष संसद में महिला आरक्षण बिल को लेकर हंगामा मचाए हुए थे... संसद परिसर में अंदर से लेकर बाहर नेताओं से लेकर पत्रकार और कैमरामैन बेफिक्र अंदाज में गुफ्तगू में व्यस्त थे... संसद में इस समय सैकड़ों सांसदों समेत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी मौजूद थीं... और फिर 11 बजकर दो मिनट पर लोकसभा स्थगित हो गई. इसके बाद प्रधानमंत्री वाजपेयी और सोनिया गांधी अपनी अपनी गाड़ियों के साथ संसद से निकल पड़े. संसद से सांसदों को ले जाने के लिए गेट के बाहर सरकारी गाड़ियों का तांता लगना शुरू हो चुका था.. हालांकि, तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी संसद भवन में ही मौजूद थे.